वर्ष 2018 की विदाई की वेला आ गयी है। नए वर्ष 2019 के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं।
नववर्ष 2019 को लेकर हर किसी के मन में ढेर सारी आशाएं और सपने हैं।
मंगलवार को सफला एकादशी के दिन से प्रारंभ हो रहा नया साल 2019 इसलिए है खास:
क्योंकि यह मंगलवार से शुरू होकर मंगलवार को ही समाप्त हो रहा है। साथ ही साल के पहले दिन और आखिरी दिन राहु प्रधान नक्षत्र पड़ रहा है। यह इस बात को इंगित कर रहा है कि नया साल उतार-चढ़ाव भरा रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों, वर्ष 2019 व हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से विक्रम संवत 2076 (परिधावी संवत्सर) के राजा शनि हैं जबकि मंत्री सूर्य। दुर्गेश भी शनि हैं जबकि धनेश मंगल हैं। पांच अप्रैल से हिंदू नववर्ष प्रारंभ होगा, जिसका नाम प्रमाथी है। हिन्दू नववर्ष का राजा शनि और मंत्री सूर्य है। नए साल में प्राकृतिक आपदा और सूखे की स्थिति बनेगी। नए वर्ष में कई ग्रहों का राशि परिवर्तन होगा।
शनि का राशि परिवर्तन 30 साल बाद धनु में होगा। शनि इससे पहले 18 दिसंबर 1987 को धनु राशि में थे अगली बार 8 दिसंबर 2046 को धनु राशि में आएंगे। बृहस्पति ग्रह वृश्चिक राशि से धनु में 29 मार्च को प्रवेश करेंगे।
राहु का गोचर परिवर्तन कर्क से मिथुन राशि में 7 मार्च को होगा और केतु धनु में प्रवेश करेंगे। शनि के 1 मई 2019 तक मार्गी रहने से एवं सीधी चाल रहने से कई राशियों को फायदा मिलेगा। गुरु का स्थान परिवर्तन होने से देश की स्थिति काफी मजबूत होगी।
इन अंक वालों को होगा लाभ: साल 2019 का कुल जोड़ 12 होता है जो कि सूर्य प्रधान और चंद्र प्रधान अंकों से गुरु प्रधान अंक 3 का निर्माण कर रहा है। यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि जिनकी जन्मतिथि 1, 10, 19, 28, 2, 11, 20, 29, 3, 12, 21 और 30 है, उन्हें विशेष रूप से लाभ होने की संभावना है।
– वैदिक आचार्य बालादत्त पुजारी