चण्डीगढ़
22 मई 2021
दिव्या आज़ाद
एक ओर जहां पंजाब सरकार गंभीर रूप से वित्तीय संकट से गुजर रही है, वहीं दूसरी ओर राज्य में कार्यरत कुछ निजी बैंक कर्ज लेने वाले लोगों व संस्थाओं द्वारा स्टैंप डयूटी के रूप में राजस्व के तौर पर उसे मिलने वाली रकम में गड़बड़ी कर हर माह उसे लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं। इन बैंकों की ओर से दिये जाने वाले कर्ज में स्टैंप डयूटी सीधे तौर पर इंबौसिंग करवाने की बजाये ईस्टैंपिंग और नॉन-जूडिशियल स्टैंप पेपर का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जानकार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये बैंक नॉन जूडिशियल और ईस्टैंपिंग पेपर की आड़ में पूरी स्टैंप डयूटी जमा नहीं करवाते। सूत्रों का कहना है कि अगर पंजाब सरकार के राजस्व विभाग के चैप्टर 6 पंजाब स्टैंप रुलस 1934 के तहत कर्ज लेते समय स्टैंप पेपर के रूप में दी जाने वाली स्टैंप डयूटी इंबौसिंग के जरिए जमा करवाई जाए तो सरकार का पूर्ण रूप से नियंत्रण रहेगा कि कितनी स्टैंप डयूटी जमा हुई है और कितनी हेराफेरी हुई है। मगर ये बैंक ईस्टैंपिंग और नॉन जूडियश्यल स्टैंप पेपर के माध्यम से मनमाने ढंग से स्टैंप डयूटी जमा करवा रहे हैं, जिसके चलते सरकार का कोई नियंत्रण नहीं हो पाता और सरकार को राजस्व में हर माह लाखों रूपये का चूना लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं अब तो कुछ बैंकों ने अपने अपने खुद के पेार्टल बनाकर ईस्टैंपिंग के रुप में राजस्व जमा करवाने का काम शुरु कर दिया है, जिस वजह से सरकार को पता ही नहीं लग रहा कि किसने कितना राजस्व जमा करवाया और उसका बनता कितना था?
हालांकि पंजाब सरकार ने स्पष्ट तौर पर यह दिशा निर्देश दे रखे हैं कि बैंकों की ओर से दिये जाने वाले कर्ज में स्टैंप डयूटी सीधे तौर पर इंबौसिंग होगी। ईस्टैंपिंग और नॉन जूडिशियल स्टैंप पेपर किसी भी प्रकार से मान्य नहीं होंगे। इसके लिए बकायदा सरकार की ओर से जारी एक पत्र क्रमांक 13/20/2020एसटी.6/11948 चण्डीगढ़ दिनांक 23 सितंबर 2020 के अनुसार किसी भी प्रकार के कर्ज (होम लोन, आटो लोन, बिजनेस लोन, पर्सनल लोन) इत्यादि लेने के लिए लगने वाले ब्लैंक प्रिंटिंड फार्म पर जो स्टैंप डयूटी जमा करवाने का प्रावधान है, उसमें किसी भी तरह का न तो ई-स्टैंपपेपर और न ही नॉनजूडिशियल पेपर का इस्तेमाल होगा, में स्पष्ट किया गया है।
इसी प्रकार हरियाणा के राजस्व विभाग की ओर से भी पंजाब का अनुसरण करते हुए मीमो नंबर 6997-एसटीआर-2-2008/1699 चण्डीगढ़ दिनांक 26/2/2009 में यह स्पष्ट किया गया है कि हरियाणा में भी पंजाब के ही नियम लागू होंगे। इसके लिए चैप्टर 6 पंजाब स्टैंप रूल 1934 का हवाला देते हुए बिना इस्तेमाल किये प्रिंटिंड फार्म सिर्फ इंबौसमेंट के जरिए ही इस्तेमाल होंगे। ऐसे में इन निर्देशों के अनुसार इसके प्रयोग में किसी भी प्रकार के स्टैंप वेंडर का कोई रोल नहीं रह जाता। परंतु कुछ एक बैंक उपरोक्त नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए खुल्लमखुल्ला ईस्टेंपिंग और नॉनजूडिशियल स्टैंप पेपर का इस्तेमाल कर सरकारी कमिशन न देकर राजस्व विभाग को होने वाली आय का चूना लगा रहे हैंं। मिली जानकारी के अनुसार कुछ बैंकों को सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बैंगलौर की एक लीगल डैस्क नामक कंपनी अपना एक पोर्टल उपलब्ध करवाये हुए है, जिसके माध्यम से ये बैंक नॉनजूडिशियल और ईस्टाम्प पेपर ले रहे हैं जिससे सरकारों को राजस्व का नुक्सान हो रहा है। पंजाब राजस्व विभाग के सुयंक्त सचिव पीके बाली से जब इस बारे में संपर्क किया गया तो उन्होंने इस मामले में संबंधित अधीक्षक जसविंद्र सिंह से बात करने को कहा।
जसविंद्र सिंह का फोन बंद आने पर विभाग के ही एक अन्य कर्मचारी रुपिंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर लिखित में इस बारे में कोई शिकायत आएगी तो कारवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने अपने विभाग के उपरोक्त पत्र को सही बताया। इस संबंध में जब डैस्क की सीनियर आप्रेशन मैनेजर सुमित्रा सेलिना से बात की तो उन्होंने इस बात से नाराजगी जताई कि उनसे इस बारे में क्यों बात की जा रही है? सीधे कंपनी मालिकों से बात की जाए। संपर्क करने पर कंपनी की ओर से फोन नहीं उठाया गया।