चण्डीगढ़

5 सितंबर 2019

दिव्या आज़ाद

कल 6 सितम्बर को राधा अष्टमी है। हिन्दू धर्म में राधा अष्टमी व्रत का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है। यह व्रत हर साल भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। ये कहना है ज्योतिषाचार्य व सुखमय सेवा एवं चेरिटेबल समिति के स्थानीय अध्यक्ष आचार्य पं. विशाल का।

उन्होंने बताया कि दांपत्य जीवन में आ रही अड़चनों के लिये इस दिन व्रत रख कर राधा-कृष्णा की पूजा कर गरीबों को भोजन कराएं  एवं कन्याओ को श्रृंगार बाँटे। जिसके मनचाहे विवाह में देरी या बाधा आ रही हो वह आज के दिन विधिवत्  राधा-कृष्ण का पूजन कर व्रत रखे एवं राधाषडाक्षर मंत्र का यथासंभव जाप करे।

राधाषडाक्षर मंत्र

।।श्री राधायै स्वाहा।।

राधाजी की प्रार्थना
मात मेरी श्री राधिका पिता मेरे घनश्याम। इन दोनों के चरणों में प्रणवौं बारंबार।।
राधे मेरी स्वामिनी मैं राधे कौ दास। जनम-जनम मोहि दीजियो वृन्दावन के वास।।
श्री राधे वृषभानुजा भक्तनि प्राणाधार। वृन्दा विपिन विहारिणि प्रणवौं बारंबार।।
सब द्वारन कूं छांड़ि कै आयौ तेरे द्वार। श्री वृषभानु की लाड़िली मेरी ओर निहार।।
राधा-राधा रटत ही भव व्याधा मिट जाय। कोटि जनम की आपदा राधा नाम लिये सो जाय।।
राधे तू बड़भागिनी कौन तपस्या कीन। तीन लोक तारन तरन सो तेरे अधीन।।

LEAVE A REPLY

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.