चंडीगढ़
9 मार्च 2019
दिव्या आज़ाद
सुजानपुर के बिधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि आने वाले लोकसभा चुनावों में सवाल सत्ता का नहीं, सवाल जनता का है आखिर कब तक देश की जनता झूठे वायदों से ठगी जाती रहेगी। राणा आज चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में हिमाचली मूल के लोगों की जनसभा को संबोधित कर रहे थे। एक एक वोट को कांग्रेस के पक्ष में अर्जित करने के अभियान में जुटे राणा ने कहा कि 2014 के चुनाव से पहले झूठे जुमलो से व् सत्ता में आने के बाद झूठी योजनाओं के नाम पर आम आदमी को जितना मोदी राज में ठगा गया है उतना अंग्रेज़ो ने भी नही ठगा होगा। आलम यह है कि अब मन की बात से गुमराह करने की नई नई तरकीबें निकली जा रही है।
राणा ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि जिस जन औषधी योजना का ढ़िढोरा आम आदमी को सस्ती दवाएं मुहैया करवाने के नाम पीटा गया था वह योजना मात्र 2 सालो में दम तोड़ने के कगार पर है और प्रधान सेवक किराये के दर्शकों के जरिये से ये झूठ फैलाने में लगे है कि इस योजना का लाभ आम जनता को हो रहा है। राणा ने कहा करीब 5 हज़ार से ज्यादा जनओषधी केन्द्र देश के बड़े शहरों के अस्पतालों में इस योजना के तहत खोले गए थे। इन केंद्रों में दवाइयां सप्लाई करने की ज़िम्मेदारी सरकार की थी। इन केंद्रों में 700 के करीब जेनरिक दवाइयां मरीजों को मिलनी थी लेकिन ये दवाई मरीजों को भाषणों व् मन की बात में तो खूब मिली लेकिन जन औषधी केन्द्रों में आज भी करीब 70 फीसदी दवाइयां नहीं मिलती है। एक एक करके अब ये केंद्र बन्द होने लगे है और प्रधान सेवक कह रहे है कि सरकार ने लोगों को सस्ती दवाइयां मुहैया करवाई है जब केन्द्रों में 500 से ज्यादा किस्म की दवाइयां की सप्लाई सरकार दे ही नही पाई तो सस्ती कैसे??
सस्ती दवाइयों के कारोबार में बीजेपी के भरोसे जो बेरोज़गार इस धंधे में उतरे थे वे भी खुद को ठगा महसूस कर रहे है और इस कारोबार को समेटने लगे है। राणा ने कहा कोई भी वर्ग मोदी राज में ऐसा नही बचा है जो राजनितिक ठगी का शिकार न हुआ हो । ऐसे में सियासत में इस ठगी की परंपरा को समाप्त करने के लिए हर नागरिक को बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एक जुट होना ज़रूरी है।