भारत की मिट्टी में कितने वीरों का जन्म हुआ,
जिन वीरों की कुर्बानी से ये देश आजाद हुआ।
 देश की ख़ातिर वीरों ने मौत को गले लगा लिया,
 देश प्रेम का दिया लोगों के दिलों  में जगा दिया।
पोरस, पृथ्वीरज चौहान, राणा प्रताप ओर शिवाजी
मराठा  अपने वतन  की आन, बाण ओर शान  थे,
शहीद चन्द्रशेखर, भगतसिंह, सुखदेव ओर राजगुरु
ने देश की खातिर न्योछावर किये अपने प्राण थे।
 देश को तोड़ने वाले लोभी मौके की इंतज़ार में थे,
अंबी ओर जयचन्द देश द्रोही दुश्मन के वफादार थे।
अंग्रेजों ने फूट डालो ओर राज करो की नीति अपनाई,
 दो टुकड़ों में बांट देश को आपस में फूट डलवाई।
देश की आन जिन्हें थी प्यारी वो चढ गए फांसी पर,
शहादत देता है कोई ओर कोई बैठे सिंहासन पर।
सरहद पर सेना के जवान हर रोज़ शहादत पाते हैं,
कुछ राजनेता ऐसे भी हैं जो लोगों को भड़काते हैं।
जिस देश का तुम खाते हो उसका तो सम्मान करो,
दुश्मनों के हमदर्द बनकर देश का ना अपमान करो।
सैनिकों पर पथर बरसें ज़ुबां तुम्हारी खामोश है क्यों,
आतंकववादिओं के मारे जाने पर मनाते हो शौक क्यों।
बृज किशोर भाटिया

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