चण्डीगढ़
23 मार्च 2023
दिव्या आज़ाद
श्रीमद् रामचरितमानस रामकथा दिव्य महोत्सव के दौरान श्री गुग्गा माड़ी हनुमान मंदिर, सेक्टर 20 के सामने रामलीला मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान शिव विवाह प्रवचन के अंतर्गत संत श्री रमेश भाई शुक्ला जी ने कहा कि शिवजी विश्वास और पार्वती श्रद्धा का प्रतीक है। इसके पश्चात राम कथा आती है इसका अर्थ मनुष्य के जीवन में जब श्रद्धा विश्वास की जोड़ी बनेगी तभी भगवान का प्राकट्य संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि पार्वती का जन्म हिमालय और मैना के यहां हुआ। हिमालय अडिगता का प्रतीक है जबकि मैना अहंकार शून्यता का प्रतीक है। जहां दोनों तत्व है वही श्रद्धा का जन्म होता है। इसके पश्चात माता पार्वती ने शंकर को पाने के लिए कठिन तप किया। यह सिद्धांत है कि श्रद्धा के माध्यम से भगवान को पाना है तो श्रद्धा में तप आवश्यक होना चाहिए क्योंकि रामचरितमानस में श्रद्धा को गाय और तप को चारा कहा गया है। गाय को चारा नहीं मिलेगा तो वह परम तत्व रूपी दूध नहीं दे पाएगी। इस कार्यक्रम के दौरान चंडीगढ़ पंचकूला और मोहाली से काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।