चण्डीगढ़
21 फरवरी 2017
दिव्या आज़ाद
शहर की सबसे पुरानी कच्ची झुग्गी-झोंपड़ बस्तियां कॉलोनी न. 4 व संजय लेबर कालोनी हैं और इन कालोनियों का बायोमीट्रिक सर्वे भी लगभग हो चुका है तथा मलोया में यहां के निवासियों के पुनर्वास हेतु हज़ारों आवास भी बन कर तैयार पड़ें हैं लेकिन फिर भी अफसरों की लापरवाही के कारण इनका पुनर्वास नहीं किया जा रहा।
ये आरोप लगते हुए चण्डीगढ़ कांग्रेस के महामंत्री शशिशंकर तिवारी ने कहा कि एस्टेट ऑफिस व चण्डीगढ़ हाउसिंग बोर्ड मकानों की अलॉटमेंट में रोड़े अटका रहें हैं जिसका खामियाज़ा इन कालोनीवासियों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कालोनीवासियों ने 900-900 रु. भी पांच वर्ष पूर्व जमा करवा रखें हैं व अन्य औपचारिकताएं भी पूरी कर दी हुईं हैं परंतु फिर भी पुनर्वास नहीं किया जा रहा जो कि सरासर गलत है।
तिवारी ने इस मसले पर स्थानीय सांसद किरण खेर पर भी वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि श्रीमती खेर ने लोकसभा चुनावों के दौरान वादा किया था कि वे चुनाव जीतने के छह महीने के भीतर पुनर्वास कराएंगी परंतु जीतने के बाद उन्होंने इस चुनावी वादे को चुनावी जुमला बना डाला। उन्होंने चण्डीगढ़ के प्रशासक महामहिम श्री वी.पी.सिंह बदनोर से मांग की है कि जल्द से जल्द इस समस्या की और ध्यान दिया जाए। इसके अलावा अभी भी कई लोगों का बायोमीट्रिक सर्वे कुछ कारणों से होना रह गया है। उनका भी जल्द से सर्वे कराया जाए।