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चण्डीगढ़/मोहाली
14 नवंबर 2022
दिव्या आज़ाद
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मोहाली के फेज 8 थाने के मुलाजिमों के अत्याचारों के शिकार युवक न्याय के लिए दर-दर भटक रहें हैं।आज तंग आकर उन्होंने मोहाली के एसएसपी व पंजाब के पुलिस प्रमुख से लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान, जिनके पास गृह मंत्रालय भी है, को ट्वीट करके न्याय दिलाने की गुहार लगाई है।
आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में मोहाली के फेज़ 9 के निवासियों हरविंदर सिंहव जगमीत सिंह ने अपने वकील मुकेश पंडित के साथ पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए अपने साथ गुजरे पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 20 सितंबर को हरविंदर सिंह घर में नेटवर्क न होने के कारण किसी को जरूरी फोन कॉल करने घर के बाहर आया व वीडियो कॉल करने लगा।ठीक उसी समय वहां पास ही दो व्यक्तियों की आपस में झड़प हो रही थी। उनमें से एक व्यक्ति, जो सिविल ड्रेस में फेज़ 8 थाने में तैनात पंजाब पुलिस का कर्मी सुपिंदर सिंह था, को लगा कि हरविंदर उनका वीडियो बना रहा है। उसने हरविंदर को थप्पड़ मारने शुरू कर दिए। हरविंदर ने उनको बोला भी कि मैं कोई वीडियो नहीं बना रहा, आप बेशक फोन चेक कर लो। परंतु सुपिंदर ने एक न सुनी व हरविंदर का फोन लेकर जमीन पर पटक कर तोड़ डाला और फिर से मारपीट शुरू कर दी तो हरविंदर ने भी जवाबी कार्यवाई कर दो-तीन थप्पड़ जड़ दिए। इस पर जहां सुपिंदर ने फोन करके अपने पुलिस के साथी बुला लिए, जो सभी सिविल ड्रेस में मौके पर आ गए तो वहीं शोर की आवाज़ सुन कर हरविंदर के भाई व साथी जगमीत सिंह व जगप्रीत सिंह भी घर से बाहर आ गए।
सिविल ड्रेस वाले पुलिस कर्मी इन दोनों को पीटते हुए कहने लगे कि पुलिस वालों के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए आपको अंदर कर देंगे। ये सुन कर हरविंदर व जगमीत डर गए।
तभी फेज़ 8 थाने में तैनात हेड कांस्टेबल हरप्रीत सिंह व एएसआई जीवन सिंह, जोकि वर्दी में थे, भी वहां पर आ गए।यह सभी मिलकर दोनों भाइयों को पीटने लग गए व बाद में उनको पकड़कर सीधा थाना में ले गए। थाने में तो इन्होंने हद कर दी। थाना का मुख्य द्वार बंद करके 7-8 मुलाजिमों ने थर्ड डिग्री टॉर्चर किया व जमकर कुटमार की। यह सभी पुलिस मुलाजिम सादे कपड़ों में थे। इन सभी ने इतनी मारपीट की कि उनके डंडे भी टूट गए। इतनी मारपीट से इन पीड़ितों की हालत बिगड़ गई।एसआई जीवन सिंह ने तो इन्हें यहां तक कहा कि तुसी चूड़े हो, तुहाडे नाल एंदा ही बर्ताव होएगा व हरविंदर को कहा कि ए तां 6 महीने बिच गैंगस्टर बनूगा।
तत्पश्चात एएसआई जीवन सिंह ने ब्लैंक पेपर पर इनके साइन करवाए और एक राजीनामा लिखकर उस पर भी जबरन साइन करवाए। उसके बाद इनको छोड़ दिया गया व अगले दिन सुबह बुलाया गया।
हरविंदर व जगमीत सुबह थाने गए जहाँ जीवन सिंह ने उनसे कथित तौर पर खर्चा-पानी मांगा। इसके बाद इन दोनों पीड़ितों को उनके परिजनों ने फेज-6 स्थित सरकारी हस्पताल में दाखिल कराया जहां उनका मेडिकल हुआ व जगमीत के फ्रैक्चर निकला। उधर थाने वालों ने 2 दिन इनके मोबाइल अपने पास रखे व कोई बरामदगी भी नहीं दर्शाई। उधर मीडिया में मामला उठने पर डीएसपी ने 2 कांस्टेबल सस्पेंड कर दिए। डीएसपी के निर्देशों पर थाना प्रभारी राजेश अरोड़ा पीड़ितों के बयान लेने आए। उनके साथ एसआई अमरनाथ भी थे। जाति सूचक शब्द इस्तेमाल किए जाने बारे बताने पर एस एच ओ ने कहा कि इसे रहने दो क्योंकि जीवन सिंह भी एससी ही है। इसलिए उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।
पीड़ितों के वकील मुकेश पंडित, जो पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जाने-माने क्रिमिनल व कॉरपोरेट लॉयर हैं, ने बताया कि बयानों के बाद एफआईआर तो दर्ज कर ली परंतु उसमें बेहद हल्की धारा 341, 323 व 34बी लगाई गई जो कि जमानती धाराएं हैं। इन सभी को अमानवीय यातनाएं दी गई परंतु इसकी जांच उसी थाने के इंचार्ज को दे दी गई जो कि सरासर गलत है। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि थानेदार अपने ही मुलाजिमों के कार्यवाही कैसे करेगा?
उन्होंने बताया कि बिना किसी दोष के पिटाई होने व थाने के चक्कर काटने से वे बेहद तनाव में हैं व समाज में भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से उन्हें जल्द न्याय दिलाने की मांग की।
उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ धारा 323, 324, 325, 326, 120 बी व एससी/एसटी एक्ट के सेक्शन 5 के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है।
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