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चंडीगढ़
10 जुलाई 2022
दिव्या आज़ाद
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कर्म ही वरदान कर्म की इबादत कर्म के इन शब्दों में बसता है भगवान। हमारे अच्छे कर्म ही हमें मान सम्मान दिलाते हैं। इसलिए हमें सदा अच्छे कर्म करने चाहिए। जिस प्रकार शरीर की रक्षा के लिए प्रतिदिन सात्विक भोजन आवश्यक है उसी प्रकार आत्मा और अंतःकरण की पवित्रता के लिए परमात्मा की उपासना भी आवश्यक है। संपूर्ण मानव जाति को कर्म का ज्ञान देकर भगवान श्री विश्वकर्मा जी ने हर एक हाथ को रोजगार दिया है उनकी ही कर्म की शक्ति से निर्माण कार्य होते हैं इसलिए सभी शिल्पकार उनको जगद्गुरु के रूप में पूजते हैं।
यह प्रवचन जागृति ग्रुप अंबाला कैंट से रामदरबार स्थित श्री विश्वकर्मा मंदिर सुधार सभा में आषाढ़ मास की पावन गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पहुंचे कथा व्यास श्री विश्वकर्मा दास दर्शन धीमान ने साप्ताहिक संगीतमय श्री विश्वकर्मा महापुराण कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को दिए।
कथा से पूर्व भगवान श्री विश्वकर्मा जी की पूजा अर्चना विधि विधान के साथ की गई। श्री विश्वकर्मा मंदिर सुधार सभा, रामदरबार के प्रधान रामजी लाल ने बताया कि यह कथा 7 जुलाई से कलश यात्रा के उपरांत शुरू हुई थी जो कि 13 जुलाई गुरु पूर्णिमा के दिन हवन के उपरांत संपन्न होगी। जिसके उपरांत प्रसाद वितरित किया जायेगा।
इस अवसर पर कथा व्यास द्वारा भगवान के भजनों में मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है.. .., मेरे सिर पर रख दो हाथ बाबा अपने ये दोनों हाथ.. .., अब सौंप दिया जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में.. .., जैसे सुंदर भजन गाकर उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध व भाव विभोर कर दिया। कथा में मुख्य यजमान मलोआ से संकीर्तन मंडली थी। जिन्होंने कथा के उपरांत भजन किया और आरती में सम्मिलित हुई।
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