चंडीगढ़
21 जून 2020
दिव्या आज़ाद
रोगों से मुक्ति, मन की शांति और मन की ऊर्जा को जगाना हो तो योग को अपनाना ही एक मात्र साधन है, जीवन जीने की कला योग है। यह विचार अंतर्राट्रीय योग दिवस पर ट्राईसिटी की जानी मानी मोटिवेशन स्पीकर डॉ रेनु अरोड़ा ने सोशल मीडिया के माध्यम से शहरवासियों के समक्ष रखे। डॉ रेनु अरोड़ा मोटिवेशनल स्पीकर होने के साथ साथ एक लेखिका, शिक्षाविद्य, समाज सेविका भी हैं। उन्होंने  हजारों लोगों को अपने हजारों मोटिवेशनल स्पीज के माध्यम से कोविड-19 में मानसिकता से उभरा है जिसके लिए उन्हें कई उत्कृष्ठ पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जा चुका है।

डॉ रेनु अरोड़ा ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि योग हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है आज जिंदगी इतनी तेजी से भाग रही है कि हमें कहीं रुकने का वक्त नहीं है कभी-कभी ऐसे पल आ जाते हैं कि हमारी आपाधापी को ब्रेक लग जाती है हमारे पास ऐसे अनेक कारण उत्पन्न हो जाते हैं जिससे हमारी जिंदगी अस्त व्यस्त हो जाती है यदि जिंदगी को अस्त-व्यस्तता से बचाना है तो योग ऊर्जावान रहिए स्वस्थ रहिए निरोग रहिए। योग से मस्तिष्क ठंडक प्रदान करता है हम शारीरिक व मानसिक तौर से स्वस्थ रहते हैं और योग जीवन में संगीत देता है।

उन्होंने आगे बताया कि आज लोग शांति पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं तो ऐसे क्षण में योग का सहारा लेना चाहिए। योग करने के लिए कोई आपको उपकरण नहीं चाहिए सिर्फ शरीर और मन चाहिए। उन्होंने कहा कि योग जिंदगी का वह प्रकाश है जो एक बार चला दिया तो कभी कम नहीं होगा जितना अच्छा आप अभ्यास करेंगे उतना ज्यादा आप स्वस्थ रहेंगे।

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